अगर आसपास पशु डॉक्टर न हो —–

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अगर आसपास पशु डॉक्टर न हो—-
समिछा–डॉ राजेश कुमार सिंह , जमशेदपुर , झारखंड

भारत के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले पशुपालकों के लिए सबसे उपयोगी पुस्तक, जिसमें हिंदी में, बहुत सरल भाषा में घरेलू नुस्खा के द्वारा पशुधन के इलाज के विषय में बहुत ही बारीकी से बताया गया है। पुस्तक में ,साधारण भाषा में बीमारी का कारण, बीमारी का लक्षण तथा उस बीमारी का इलाज, घरेलू नुस्खा के द्वारा बहुत अच्छी तरह से बताया गया है ।अक्सर यह देखा जाता है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों, देहात क्षेत्रों में सरकारी पशु चिकित्सक अपने सेवा देने के लिए उपलब्ध नहीं रहते हैं उस दशा में यह पुस्तक पशुपालकों के लिए रामबाण का काम करेगी पुस्तक में 100 से ऊपर घरेलू नुस्खा बताए गए हैं जिसको पशुपालक स्वयं अपने घर में उपलब्ध संसाधनों सामग्रियों के माध्यम से अपने पशुधन का इलाज बहुत ही कम खर्चे में कर सकता है इससे ना केवल पशुपालकों के खर्चे में कमी आएगी अपितु समाज में antibiotic-resistant की बढ़ रहे खतरों का भी समाधान हो सकेगा। आज पूरा विश्व एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट की समस्या से जूझ रहा है ,जरूरत है कि कृषि एवं पशुधन उत्पाद का उत्पादन जैविक तरीके से किया जाए इसके लिए डॉ बलराम साहू सर का यह पुस्तक मील का पत्थर साबित होगा ऐसा मेरा मानना है। हम यह सभी जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन के चलते हमारे जनजीवन पर बुरा प्रभाव तो पड़ता ही है इसका असर जानवरों पर भी पड़ता है, जलवायु परिवर्तन के कारण पशुधन के उत्पादन में कमी आती ही है इसके अलावा बहुत सारे रोगों / प्रतिकूल प्रभाव का सामना हमारे पशुधन को करना पड़ता है । पशुधन से ग्रीनहाउस गैसेस का उत्सर्जन भी बहुत ज्यादा होता है जो कि कारण होता है वातावरण के तापमान को बढ़ाने में। अगर हम अपने पशुधन का उपचार आयुर्वेदिक तरीके से करते हैं तो ग्रीन हाउस गैसेस का उत्सर्जन में कमी आती है। यह पुस्तक ना केवल पशुपालकों के लिए अपितु पशु चिकित्सकों के लिए भी लाभदायक है क्योंकि पशु चिकित्सक सुदूर देहात क्षेत्र में इस नुस्खे का उपयोग अपने एलोपैथी इलाज के अलावा साथ साथ कर सकते हैं। यह हकीकत है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों मे अभी भी एलोपैथिक दवाइयां बहुत ही मुश्किल से मिल पाती है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा परंपरागत तरीके से पशु चिकित्सा पद्धति का बढ़ावा दिया जा रहा है। पशु धन का इलाज परंपरागत पद्धति को अपनाकर किया जाए तो किसानों की आमदनी में प्रत्यक्ष रूप से इजाफा होगा तथा यह हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सपना “किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का ” सफल हो पाएगा। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि डॉ बलराम साहू सर का मै शिष्य हूं। डॉ बलराम साहू सर देश के जाने-माने पशु चिकित्सा वैज्ञानिक है । इनको असाधारण कार्य के लिए अनेकों राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। मैं आग्रह करता हूं सभी मेरे सोशल मीडिया के बंधुओं से की वो इस पुस्तक को अवश्य खरीदें तथा अपना अपना मंतव्य इस पुस्तक के विषय में जरूर दें। इस पुस्तक का शीर्षक शहर तथा देहात क्षेत्र में पदस्थापित सरकारी पशु चिकित्सकों के अंतरात्मा को जगाने वाला है तथा हकीकत बयां करता है।
डॉ बलराम साहू से संपर्क निम्न नंबर पर किया जा सकता है
9437290258
drbalarams10@gmail.com
www.pathepathshala.org

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