वैसे तो सामान्य तौर पर गाय या भैंस लगभग 18 से 25 दिनों के बाद हीट में आती है परंतु कभी-कभी, विशेषकर ज्यादा दूध देने वाले पशुओं की हीट अनियमित हो जाती है। उदाहरण के तौर पर पशु लगातार 5 से 6 दिन तक हीट में रहता है और मैला या तोड़ा भी गिराता है, उसका मद चक्र बहुत थोड़े अंतराल का होता है अर्थात मादा पशु बहुत कम अंतराल में रिपीट करते हैं जैसे 10, 12 दिन या 15 दिन बाद हीट में आना। ऐसे पशु ए.आई. करने पर गाभिन नहीं होते एवं उनकी गुदा परीक्षण द्वारा जांच करने पर अक्सर उनके अंडाशय में गांठ बन पाई जाती है जिसमें कि अंडा बनता तो है परंतु बाहर नहीं निकल पाता। इस बीमारी को *सिस्टिक ओवरी (Cystic Ovary)* भी कहा जाता है।
• यह बीमारी अक्सर बहुत अधिक दूध देने वाले पशुओं में देखी जाती है एवं इसका मुख्य कारण शरीर में हारमोंस का असंतुलन तथा दुग्ध उत्पादन के अनुसार उनके खानपान में कमी होना है।
• इसका एकमात्र उपचार हार्मोन के इंजेक्शन है जिसे कि योग्य पशु चिकित्सक की सलाह के पश्चात ही लगवाना चाहिए।
• ध्यान रहे सबसे पहले पशु का खानपान ठीक करना है जो कि उसके दुग्ध उत्पादन के अनुसार हो । तभी हार्मोन के इंजेक्शन काम करेंगे।
*डॉ योगेश कुमार सोनी*
*वैज्ञानिक (पशु पुनरुत्पादन)*
*केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ छावनी*
*7417676424*