देश में डेयरी फार्म की मांग और इससे जुड़ा मुनाफा और स्कोप

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देश में डेयरी फार्म की मांग और इससे जुड़ा मुनाफा और स्कोप

शुपालन व्यवसाय (Dairy Farming)
लेखक:

डॉ. नाज़म खान, सहायक आचार्य,इंटेग्रेटेडलाईवस्टॉक एंड फॉड्डरकॉम्प्लेक्स विभाग (शेरे कश्मीर कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय)

डॉ. भरतसिंह मीणा, पशुचिकित्साधिकारी, पशुपालन विभाग (राजस्थान सरकार)

देश में डेयरी फार्म की मांग और इससे जुड़ा मुनाफा और स्कोप –

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सर्वे के मुताबिक़ वर्ष1998 से दूध उत्पादन में भारत पहले स्थान पर है।वर्ष 2018-19में भारतने187 मिलियन मीट्रिक टन दूध उत्पादन किया जो विश्व में होने वाले दूध उत्पादन का 22% हिस्साहै। जिसका मतलब यह है कि इस व्यापार की मांग हमारे देश में काफी है।वहीं दूध और दूध से बनेउत्पादों का निर्यात करके भीमुनाफाकमा सकते हैं। वहीं अभी हाल ही में भारत सरकार द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 से लेकर साल 2017 तक डेयरी किसानों की आय में 23.77% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इतना ही नहीं साल 2013-14 की तुलना में साल 2016-17 में देश के दूध के उत्पादन में 20.12% की बढ़त हुई है. इस बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि इस व्यापार से ना केवल दूध की बल्कि इससे जुड़े किसानों की भी आय में अच्छी खासी वृद्धि हुई है।बढ़ती हुई जनसंख्या की खाद्य मांग को देखते हुए 2022 तक भारत की दुग्ध मांग बढ़कर 200 मिलियन मीट्रिक टन पहुंच जाएगी।

वर्तमान महामारी के दौर मेंडेयरी व्यवसाय में तुलनात्मकरूप से गिरावट दर्ज नहीं हुई है।

डेयरी फार्मिंग के लाभ (Benefits of Dairy Farming):

  • दूध क्रय से आय
  • डेयरी फार्म से प्राप्त अपशिष्ट जैसे गोबर,मूत्र से जैविक खाद तैयार की जा सकती है जिससे भूमि की उर्वरकता और फसल उत्पादनव चारा उत्पादन में वृद्धि होगी।
  • गोबर से गोबर गैस बनाई जा सकती है जिसका उपयोग ईंधन के सस्ते स्त्रोत के रूप में किया जा सकता है।
  • कृषि मौसम आधारित है जबकि डेयरी फार्मिंग पर मौसम के बदलाव का सीधा असर नहीं पड़ता और वर्ष प्रयन्त उत्पादन लिया जाता है।
  • भारतीय जलवायु में अच्छी नस्ल के विदेशी पशुओं से उत्पादन लिया जा सकता है।
  • सुनियोजित व सुप्रबंधित डेयरी व्यवसाय का पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव नगण्य है।
  • यह बेरोजगार शिक्षित युवाओं के लिए एक बहुत अच्छा रोजगार साबित हो सकता है क्योंकि यह व्यवस्थित बिजनेस प्लान सुनिश्चित करता है।
  • इस बिजनेस हेतु साधारण लेबर को लघु समय में स्किल्ड बनाया जा सकता है और पारिवारिक सदस्य भी रोजगार का हिस्सा बन सकते हैं।
  • कई स्तर पर शुरू कर सकते हैं ये व्यापार (Cost of setting up small and large scale dairy farm Business in India)इस व्यापार को आप छोटे, मध्यम और बड़े पैमाने पर भी शुरू कर सकते हैं। अगर आपके पास ज्यादा संख्या में भैंस या गाय खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, तो आप केवल चार भैंसों को रखकर भी ये व्यापार खोल सकते हैं। लेकिन ये याद रखें की जितना ज्यादा दूध आपको इन भैंसों से मिलेगा उतना ज्यादा ही आपका मुनाफा होगा। यानी अगर आप चार भैंसे रखते हैं, तो आपको मुनाफा तो होगा ही मगर ज्यादा नहीं। वहीं अगर इन भैंसो या गायों की संख्या बढ़ा दी जाती है, तो आपका लाभ भी बढ़ेगा। नीचे हमने आपको तीन स्तर पर डेयरी फॉर्म खोलने से जुड़ी कुछ जानकारी दे रखी है।
    • बड़े स्तर पर डेयरी फार्म (large scale dairy farming Business):

    इस तरह की डेयरी फार्म खोलने के लिए आपको 20 लाख रुपए तक लगाने पड़ सकते हैं। इस डेयरी में आपको कम से कम 30 भैंसों को रखना होगा। वहीं अगर आपको एक भैंस दिन का 10 लीटर दूध देती है, तो 30 भैंसों के हिसाब से आपको दिन का 300 लीटर दूध बेचने के लिए मिल जाएगा। वहीं आप इस दूध को अगर 40 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बेचते हैं, तो आपको दिन का 12000 हजार रुपए का मुनाफा होगा। वहीं ये राशि महीने के हिसाब से 3,6,0000 होगी। वहीं इन आकड़ों के हिसाब से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आप कितना मुनाफा कमा सकते हैं। हालांकि इस मुनाफे में भैंस को रखने पर आने वाले खर्च और कर्मचारियों को सैलरी देने का खर्चा शामिल है।

    • मध्यम स्तर की डेयरी फार्म :(Medium scale dairy farming)

    इस तरह की डेयरी फार्म चलाने के लिए आपको 7 से 10 लाख रुपए तक की जरूरत पड़ेगी। वहीं आपको इस व्यापार को शुरू करने के लिए कम से कम 15 से 18 भैंसों या गायों की आवश्यकता पड़ेगी। वहीं आपके मुनाफे की बात करें, तो आपको इस लेवल के डेयरी फार्म को खोलने से करीबन डेढ़ लाख तक का लाभ हो सकता है। वहीं अगर आप भैंसों या गायों की संख्या बढ़ा देते हैं तो आपका लाभ और बढ़ जाएगा।

    • छोटे स्तर के डेयरी फार्म (Small scale dairy farming):

    आप कम पैसों में भी डेयरी खोल सकते हैं. छोटे स्तर पर इस व्यापार को शुरू करने के लिए आपको पांच भैंसों या गायों की जरूरत पड़ेगी। वहीं इन भैंसों को लेते समय ये सुनिश्चित कर लें, कि ये अच्छी नस्ल की हों और एक दिन में कम से कम 10 लीटर दूध तो अवश्य दे. छोटे स्तर पर डेयरी खोल कर आपको महीने के 50 से 70 हजार रुपए तक का लाभ हो सकता है।

     

    कहां से खरीदें भैंसे (Place To Buy Cow For Dairy) –

    भारत सरकार द्वारा डेयरी फार्म के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की मदद की जा रही हैं। आप भैंस या गाय को सरकार द्वारा बनाए गए एक पोर्टल के जरिए खरीद सकते हैं। इस पोर्टल का लिंक इस प्रकार हैepashuhaat  इस लिकं पर जाकर आपको कई नस्ल की भैंसों या गायों की जानकारी मिल जाएगी. इतनी ही नहीं आप चाहें तो इन्हें इस पोर्टल के जरिए खरीद या बेच भी सकते हैं।

    ऑनलाइन के अलावा आप अपने आस-पास के किसी गांव के किसान से भी भैंस खरीद सकते हैं। ऐसा करने से आपको भैंस थोड़ी सस्ती मिल जाएगी और आप मुनाफे में रह सकते हैं।

    भैंसों या गायों की कीमत (Price Of Cow In India) –

    भैंसों या गायों की कीमत का निर्णय उनकी नस्ल के आधार पर लिया जाता है। अगर आप अच्छी नस्ल की गाय व भैंस खरीदते हैं, तो आपको क्रमशः40-60 हजार रुपए व 80-एक लाख रुपए प्रति पशुतक का खर्च आएगा।

    भैंस या गायों खरीदते समय ध्यान देने वाली बातें-

  • दुनिया भर में भैंसों या गायों की कई तरह की नस्लें देखने को मिलती हैं और हर नस्ल की भैंस अलग-अलग मात्रा में दूध दिया करती है। इसलिए अपने व्यापार के लिए केवल उन्हींगायोंव भैंसों को खरीदे, जो कि आपके व्यापार के लिए फायदेमंद हो। वहीं इस व्यापार के लिए जर्सी कैटल, होल्सटीन मवेशी नस्ल और साहिवाल नस्ल की गायें सही रहती हैं। मुर्रा व नीली रावी नस्ल की भैंसे डेयरी फार्मिंग हेतु उपयुक्त है।भैंसो या गायों को देने वाला खाना (Healthyand balanced feeding)आपकी भैंस या गाय आपको अच्छा खासा दूध दे, तो आपको उस हिसाब से अपनी गाय व भैंस को खाने देना होगा। किसी भी भैंस या गाय के दूध देने की क्षमता इस बात पर निर्भर करती है, कि वो किस तरह का खाना खाती है और कितना खाती है। इसलिए गायों व भैंसों के खाने का आपको अच्छा खासा ध्यान रखना होगा। वहीं भैंसों या गायों को दिया जाने वाले खाने में बांटा, सुखा चारा और ताजी घास या हरा चारा शामिल होती हैं, इसके अलावा गाय व भैंस को नमक तथा कई तरह के खनिज (मिनिरल्स) का मिश्रण भी दिया जाना चाहिए।

    डेयरी फार्म खोलने की प्रक्रिया (Process Of Opening A Dairy Farm Business)–

    • स्थान का चयन करना- (land required for dairy farm)

    इस व्यापार को शुरू करने से पहले आप एक स्थान का चयन कर लें. जहां पर आपके द्वारा खरीदी गई भैंसों या गायों को रखा जाएगा. किसी भी प्रकार की डेयरी खोलने से पहले स्थान का चयन करना बेहद ही जरूरी होता है. उस स्थान पर पानी की कैसी सुविधा है, इसको अच्छे से पता कर लें. क्योंकि भैंसों या गायों द्वारा अच्छा खासा पानी पिया जाता है. इसलिए ऐसे ही स्थान का चयन करें, जहां पर आपको खुलकर पानी मिल सके. वहीं गर्मी के मौसम में भैंसों या गायों को हवा देने के लिए पंखे की भी जरुरत पड़ती है. जिसके लिए ये देख लें, कि वहां पर बिजली की सुविधा मौजूद हो.

    एक या दो एकड़ जमीन पर ही अपनी डेयरी को खोलें. क्योंकि जितना खुला स्थान होगा आप उतने अच्छे से भैंसों या गायों को दिए जाने वाली खाने के सामान को रख सकेंगे.

    • नस्ल का चयन (Breed Selection)-

    गायकी नस्लों में मैदानी भाग जैसे जम्मू क्षेत्र के लिए होल्सटीन फ्रीजियन की संकरनस्ल, पहाड़ी क्षेत्र जैसेकश्मीर हेतु जर्सी गाय उपयुक्त है।देसी गायों में साहीवाल का चुनाव बेहतर विकल्प है।

    भैंसो में जलवायु और उत्पादन के हिसाब से मुर्रा और नीलीरावीनस्लपाल सकते हैं।

    • लोगों का चयन(recruitment of employees)–गायों व  भैंसों का दूध निकालने, उनको समय पर खाने देने और उनकी साफ सफाई के लिए आपको कुछ लोगों की जरूरत पड़ेगी. इसलिए आपको इस कार्य के लिए कुछ लोगों को नौकरी पर रखना होगा.
    • भैंसों यागायों से दूध निकालना-लोगों का चयन करने के बाद जो अगला कार्य है वो है भैंसों से दूध निकालने की प्रक्रिया. भैंसों से दिन में दो बार दूध लिया जा सकता है. वहीं इस कार्य पर लगाए गए लोगों को सफाई के साथ दूध निकाले के निर्देश जरूर दें. दूध निकल जाने के बाद सारे दूध को एक जगह जमा करके रख लें. जिसके बाद आप इस दूध को बेच सकते हैं।

    व्यापार का पंजीकरण (License process)अपनी कंपनी खोलकर अगर आप दूध बेचना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए अपनी कंपनी का पंजीकरण करवाना होगा। कंपनी का पंजीकरण करवाने के लिए आपको अपनी कंपनी के लिए एक नाम सोच कर रखना होगा। वहीं आप अपनी कंपनी के नाम का पंजीकरण स्थानीय प्राधिकरण से दफ्तर में जाकर करवा सकते हैं। इसके अलावा आपको ट्रेड लाइसेंस, FSSAI लाइसेंस और वैट पंजीकरण करवाने की भी जरूरत पड़ेगी।

    पैकेजिंग और बॉक्स की जरूरत (Packaging And Labelling)अगर आप अपनी कंपनी के जरिए दूध को बचते हैं, तो आपको दूध बेचने के लिए पैकेट बनवाने होंगे. दूध के इन पैकेट पर आपको अपनी कंपनी की जानकारी भीदेनी होगी और दूध किस दिन पैक किया गया है. इसकी जानकारी भी पैकेट पर देनी होगी. वहीं इन पैकेट को बनवाने के लिए आपको उस व्यापारी से संपर्क करना होगा, जो इस तरह के पैकेट तैयार करने का कार्य करता है.

    अपने व्यापार का प्रोमोशन (Marketing)

    अपनी कंपनी के नाम का प्रचार करना काफी जरूरी है, ताकि लोगों को पता लग सके, कि इस नाम की कोई कंपनी मौजूद है। कंपनी का प्रचार करने से लोगों में आपके द्वारा बनाए गए सामान की जानकारी पहुंचेगीजिससे की आपके व्यापार को लाभ होगा। प्रचार कार्य के लिए आप अखबार में विज्ञापन दे सकते, पोस्टर – पैंफलेट छपवा सकते हैं।

    डेयरी व्यापार से जुड़ी अन्य बातें (Dairy farming facts)

    • डेयरी फार्मिंग में आने वाली कठिनाइयां (Challenges) और सावधानी की जरूरत(precaution)

    डेयरी पशुओं की नस्ल का चुनाव, फीडिंग व हाउसिंग का खास खयाल रखें, विशेषज्ञ की सलाह लें तो ज्यादा उचित है। साधारणत: डेयरी व्यवसाय में कई समस्याएं आती है जैसे उत्पादन में कमी, पशुओं का हीट में ना आनाव समय पर ज्ञाभिन ना होना, असंतुलित आहार के कारण कई उपापचय रोग हो जाना, संक्रामक रोगों का प्रकोप, पशुओं में अंत: परजीवी और बाह्य परजीवियों का प्रकोप आदि।संतुलित आहार, उचित रख – रखावव कुशल प्रबन्धन से सारी समस्याओं पर विजय पाई जा सकती है।

    हमारे देश में हरे चारे की भी काफी कमी है जिसकी आवश्यकता डेयरी फार्मिंग में वर्ष भर रहती है, अच्छी किस्म की मल्टीकट चारे की फसलों द्वारा इस कमी को पूरा किया जा सकता है।

    दूध का सही दाम लेने और दूध उत्पादों की बिक्री हेतु आपको मार्केटिंग प्रबन्धन में भी कुशल होना पड़ेगा।

    डेयरी फार्मिंग की समस्याओं के निराकरण हेतु आप नजदीकी पशु चिकित्सालय, कृषि विज्ञान केन्द्र तथा पशुचिकित्सा वपशुविज्ञान विश्वविद्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं।

    • व्यापार का बजट और ऋण लेने की सुविधा(Business start-up Costs And Loan Facility)

    अगर आपको इस कारोबार को शुरू करने में पैसों की कोई तंगी आ रही है, तो आप बैंक से लोन ले सकते हैं. वहीं इस व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा भी कई तरह सब्सिडीकी सुविधा दी जा रही है।इस हेतु आप नाबार्ड की डेयरी उद्यमिता योजना का भी लाभ ले सकते हैं।

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