पशुधन प्रहरी नेटवर्क,
अहमदाबाद/नई दिल्ली, 3 जून 2020,
गुजरात में सैकड़ों की तादात में पशु चिकित्सक विजय रूपानी सरकार के एक फैसले से नाराज हैं। दरअसल, गुजरात सरकार ने मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी सर्विस (10 MVD) का निजीकरण कर दिया है। गुजरात सरकार ने 1 जून, 2020 से 10 MVD के संचालन का जिम्मा निजी कंपनी GVK-EMRI नाम की कंपनी को सौंप दिया है। आपको बता दें कि गुजरात के गांव-गांव तक पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल, टीकाकरण आदि की मोबाइल सर्विस पहुंचाने वाली मुख्यमंत्री 10 MVD सेवा अभी तक राज्य के पशुपालन विभाग द्वारा संचालित की जा रही थी।
गुजरात सरकार की 10 MVD सेवा में कार्यरत पशु चिकित्सक डॉ. शमशाद अली ने पशुधन प्रहरी को बताया कि पहले डॉक्टरों को 8 घंटे की ड्यूटी के लिए 45,000 रुपये प्रति महीने का भुगतान होता था, लेकिन GVK-EMRI ने ड्यूटी ऑवर को बढ़ाकर 12 घंटे और वेतन घटाकर 40,000 रुपये कर दिया है। उन्होंने बताया कि जब सरकार ने इसके लिए विज्ञापन निकाला था, तब उसमें स्पष्ट तौर पर लिखा था कि इस सेवा को 11 महीने तक राज्य के पशुपालन विभाग के द्वारा संचालित किया जाएगा। लेकिन अब सरकार ने अचानक कॉन्ट्रैक्ट पीरियड के बीच में ही इस सेवा का संचालन निजी कंपनी को सौंप दिया है। 10 MVD सेवा में पूरे गुजरात में करीब 460 पशु चिकित्सक कॉन्ट्रैक्ट पर तैनात हैं।
इस मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी सर्विस में लगे पशु चिकित्सकों में राज्य सरकार के निजीकरण के फैसले को बहुत आक्रोश है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि मेहनत और ईमानदारी से अपना काम करने के बावजदू सरकार ने इस महत्वपूर्ण सरकारी सेवा का निजीकरण करने का फैसला किया है।
इससे प्रदेश में तैनात पशु चिकित्सकों में जबरदस्त नाराजगी है। डॉक्टरों का कहना है कि पिछले तीन महीने से COVID-19 जैसी वैश्विक महामारी के दौरान भी राज्य के पशुचिकित्सकों ने विषम परिस्थियों में मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी के जरिए अपनी सेवाएं पशुपालकों तक पहुंचाई हैं।
पशु चिकित्सकों का कहना है कि निजी कंपनी जीवीके-ईएमआरआई की शोषणकारी नीतियों की वजह से उसके साथ काम करना मुश्किल है। इनकी मांग है कि पहले की तरह मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी सर्विस का संचालन राज्य के पशुपालन विभाग को सौंपा जाए।
इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन ने भी गुजरात के पशु चिकित्सकों की इस मांग का समर्थन किया है। आईवीए के अध्यक्ष डॉ. सी कादियान ने मुख्यमंत्री विजय रूपानी को पत्र लिखकर मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी सर्विस का संचालन पहले की भांति पशुपालन विभाग को सौंपने की अपील की है।
आपको बता दें कि बड़ी संख्या में मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी सर्विस से जुड़े गुजरात के पशु चिकित्सक सोशल मीडिया पर अपने मांग को लेकर आंदोलन चला रहे हैं। लेकिन राज्य और केंद्रीय स्तर पर उनकी मांगों पर जवाब देने के लिए कई भी मंत्री या अधिकारी सामने नहीं आया है।