मैं वेट हूं

0
506
मैं वेट हूं
मैं वेट हूं

मैं वेट हूं

सरकार की आवश्यक सेवाओं में शामिल होने में थोड़ा लेट हूं,

मैं वेट हूं l

समाज के सुंदर भवन की नीव में पड़ा रहता लंबलेट हूं,

मैं वेट हूं ll

 

बिना तरासे ही समाज के भवन की नीव में धकेला जाता हूं सदा,

सामान्य व आवश्यक सेवाओं के बीच हिचकोला खाता हूं सदाl

 

करता हूं मैं निश्छल प्राणियों की सेवा

और इसी कारण पाता हूं सदा ही मेवा

खुश हूं मैं, उनके साथ बिताइ इस जिंदगी से,

कम से कम दूर हूं, आज के इस इंसान की दरिंदगी से

 

मगर अफसोस समाज ने मुझे व्यापारी बना दिया,

सेवा का धर्म छीन कर दूधवाला अधिकारी बना दिया l

 

जब जरूरत थी मुझे टीके की तब मेरा तिरस्कार किया गया,

मुझ निर्दोष को बेवजह कोरोना रूपी पुरस्कार दिया गया l

 

अब कहते हैं विशेष हो तुम,अब कहते हैं विशेष हो तुम

चुपचाप सब कुछ सहले, ऐसी एकमात्र प्रजाति शेष हो तुम l

 

मगर याद रहे, मैं वेट हूं

हां आज मैं सोया लंब लेट हूं

 

कल जब घनी काली रात यह गुजर जाएगी

सूरज की नई किरण मेरे घर आएगी,

तब जागूंगा मैं,

टीका लगने के बाद सबसे तेज भागूंगा मैं l

 

फिर खुशियों का संसार लौट आएगा,

चंद पशुओं में मेरा प्यार बट जाएगा,

फिर अपनी दुनिया में खो जाऊंगा मैं,

यूं ही खुशी के गीत गुनगुनाऊंगा मैंll

निर्मल

Dr. Nirmal Kumar Dadhich (M.V.Sc.)

Veterinary Officer

Rajasthan Government

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON
READ MORE :  Veterinarians are Essential Health Workers