अगले साल से खा सकेंगे अमेरिकी चिकन, कीमत होगी 70 फीसदी तक कम

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भारत-अमेरिका के बीच हो सकता है समझौता
इससे भारत के पोल्ट्री उद्योग पर विपरीत असर पड़ने की आशंका
देश के 40 लाख लोगों का रोजगार प्रभावित होने की संभावना

पशुधन प्रहरी नेटवर्क 31 october,2019

नई दिल्ली. भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक समझौता होने की उम्मीद है, जिसके बाद भारत में सस्ता अमेरिकी चिकन आयात किया जा सकेगा। भारतीय पोल्ट्री इंडस्ट्री इस समझौते के विरोध में है क्योंकि अमेरिका से सस्ता चिकन आयात होने पर देश के लाखों चिकन फार्म और प्रोसेसिंग यूनिट बंद होने और देश के 40 लाख लोगों के बेरोजगार होने की संभावना है।

सस्ता होगा अमेरिकी चिकन

सूत्रों के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही है। इस समझौते के तहत अमेरिका से चिकन आयात करने पर लगने वाला आयात शुल्क 100 फीसदी से घटकर 30 फीसदी हो जाएगा। यानी अमेरिकी चिकन की कीमतों में 70 फीसदी तक की गिरावट होगी। वाणिज्य मंत्रालय ने वाणिज्य विभाग, पशुपालन, कृषि समेत कई विभागों के सचिवों की बैठक बुलाई है।

समझौता होने से ट्रंप को होगा फायदा

इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच होने वाले द्विपक्षीय समझौतों की सूची में पोल्ट्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान जोड़ा गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाह रहे हैं कि भारत इस समझौते पर हस्ताक्षर करे जिसका उन्हें 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में फायदा मिल सके। लेकिन देश की पोल्ट्री इंडस्ट्री इस समझौते के खिलाफ है। देश के लाखों किसान खेती के साथ मुर्गी पालन को भी रोजगार का जरिया मानते हैं। ऐसे में अमेरिका से सस्ते में चिकन का आयात करने से घरेलू पोल्ट्री फार्म बंद होंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा।

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अमेरिका में नहीं खाया जाता लेग पीस

दरअसल अमेरिका में ग्राहक चिकन का लेग पीस नहीं खाते हैं। वे दो से तीन गुना अधिक दाम देकर सिर्फ ब्रेस्ट पीस खरीदते हैं। ऐसे में अमेरिका चिकन के लेग पीस को यूरोपीय संघ, चीन और थर्ड वर्ल्ड देशों में बेचता है। अब अमेरिका भारत में चिकन के लेग पीस बेचना चाहता है। इसके पीछे भारत की बड़ी आबादी और यहां के लोगों द्वारा लेग पीस पसंद किया जाना प्रमुख वजह है।

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