पशु उत्पादकता एवं स्वास्थ्य सूचना तंत्र (इनॉफ)

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एम.डी. बोबडे1, वी.एन. खुणे2 ,शरद मिश्रा3, निष्मा सिंह2 ,रूपल पाठक2 और अनुपम सोनी4
पशुधन उत्पादन और प्रबंध्नन विभाग, सी.जी.के.वी., दुर्ग, छत्तीसगढ़ 491001 भारत

1 पीएचडी छात्र, पशुधन उत्पादन प्रबंध्नन विभाग, सी.जी.के.वी., दुर्ग, छत्तीसगढ़
2 सहायक प्राध्यापक, पशुधन उत्पादन प्रबंध्नन विभाग, सी.जी.के.वी., दुर्ग, छत्तीसगढ़
3 प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष, पशुधन उत्पादन प्रबंध्नन विभाग, सी.जी.के.वी., दुर्ग, छत्तीसगढ़
4 शोध छात्र, पशुधन उत्पादन प्रबंध्नन विभाग, सी.जी.के.वी., दुर्ग, छत्तीसगढ़

भारत में दुनिया की सबसे बड़ी पशुधन आबादी है और विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक भी है। पशुओं की उत्पादकता में सुधार के लिए नस्ल विकास कार्यक्रमों के माध्यम उच्च गुणवत्ता युक्त सांड़ों से प्राप्त वीर्य को किसानो को दरवाजे पर उपलब्ध कराकर गुणवत्तायुक्त सांडों के उत्पादन हेतु बुनियादी ढ़ांचें का निर्माण करने की आवश्यकता है ताकि उच्च गुणवत्ता युक्त वीर्य से उनके पशुओं का प्रजनन हो सके तथा पशुओं के लिए पशु आहार, पूरक आहार, चारा बीज इत्यादि के उत्पादन के लिए बुनियादी ढ़ाचे का निर्माण हो सके जिससे कि उनके पशुओं को संतुलित पोषण मिले तथा पशु चिकित्सा उपचार, रोग निदान, टीकाकरण, डी-वार्मिंग इत्यादि की सुविधा प्रदान करने के लिए बुनियादी ढ़ांचे का निर्माण किया जा सके, जो उनके पशुओं में होने वाले रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है ।
इसे ध्यान में रखते हुए एन.डी.डी.बी. ने एक सूचना नेटवर्क (इनाफ) विकसित किया है जो उत्पादकता बढ़ाने के सभी क्षेत्रों को समाविष्ट करता है । जैसे पशु पंजीकरण तथा पहचान, कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं, दुग्ध रिकार्डिंग तथा संतति परीक्षण, राशन संतुलन, स्वास्थ्य (उपचार, निदान, परीक्षण, टीकाकरण तथा प्रकोप), सलाह सेवाएं तथा इनपुट आपूर्ति, दूध घटक, फीड परीक्षण और रोग निदान प्रयोगशालाएं आदि । इनाफ एप्लीकेशन का उपयोग संतति परीक्षण कार्यक्रमों में किया जा रहा है । ये कार्यक्रम एन.डी.डी.बी. द्वारा मिल्क यूनियनों तथा कृत्रिम गर्भाधान सेवाप्रदाताओं और राशन संतुलन कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ साझेदारी में लागू किए जा रहे है । स्वास्थ्य और प्रयोगशाला मॉड्यूलों का भी प्रायोगिक परीक्षण किया जा चुका है और वे उपयोग के लिए उपलब्ध है । वर्तमान में भारत में पशुधन की जानकारी से संबंधित एक विशाल डेटाबेस बनाया जा रहा है। यह पशुओं के लिये एक UID या पशु आधार (Pashu Aadhaar) जारी करता है। अभी तक लगभग 22.3 मिलियन गायों और भैंसों के लिये UIDs जारी किये जा चुके हैं। दुधारू पशुओं (गाय, भैंस, बकरी) के भी आधार जैसे पहचान पत्र बनेंगे। गाय-भैंस के कान के पीछे धातु का छोटा सा टैग या बिल्ला लगाया जाएगा। इसमें राज्य का कोड और मवेशी की पहचान संख्या होगी। मवेशी की नस्ल, प्रजनन की जानकारी एक कार्ड में तैयारी होगी, इसकी एक कॉपी पशुपालक के पास होगी, दूसरी मैदानी सरकारी अमले के पास होगी। केंद्र सरकार एक साफ्टवेयर लांच कर रही है, इसे ई-पशु हाट से जोड़ा जाएगा। पशुधन का पहचान कार्ड बनेगा, इसे पशु के गले पर टैग लगाया जाएगा। योजना से बेहतर नस्ल को आगे बढ़ाया जा सकेगा, पशुधन पर नजर रखी जा सकेगी।
प्रस्तावित पशु कल्याण योजना के तहत पशुओं की विशेष पहचान संख्या से पहचान होगी। पशु उत्पादकता व स्वास्थ्य पर सूचना नेटवर्क को अपग्रेड कर राष्ट्रीय डाटा बेस में डाला जाएगा। हेल्पलाइन शुरू की जाएगी। यदि पशुधन का स्वास्थ्य खराब या अन्य किसी वजह से दूध उत्पादन कम हो रहा है तो घर बैठे पशुपालकों को डॉक्टर्स के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएगी।दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए उचित खान-पान दिया जा सकेगा। दरअसल, मवेशियों के लिए पहचान पत्र मुहैया करने का मकसद प्रदेश सहित देश में दूध उत्पादन बढ़ाना है, इसे 2020 तक दोगुना करने का लक्ष्य है। इनॉफ ने पशु उत्पादकता एवं स्वास्थ्य सूचना तंत्र (इनॉफ), जो एक डेस्कटॉप /नेटबुक/ एनड्राइड टेबलेट आधारित फील्ड आई टी एप्लिकेशन है, का विकास किया है । यह एप्लिकेशन प्रजनन, पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाएं किसानों के घर पर पहुंचाने के लिए रियल टाइम विश्वसनीय डाटा को कैप्चर करने की सुविधा प्रदान करता है । यह किसानों को एक उपकरण प्रदान करता है तथा फील्ड फंक्शनरीज, संघ, महासंघ, एनडीडीबी की पहुंच प्रदान करता है तथा परियोजना की प्रगति की निगरानी करता है । इस योजना के अंर्तगत सभी दुधारू गाय व भैंस का पंजीकरण अनिवार्य होगा। दुधारू पशुओं को 12 डिजिट के यूनीक पहचान नंबर यूआईडी के साथ प्लास्टिक टैग विधि से पहचान प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही चिन्हित पशुओं का डाटा इनाफ ऐप के डेटाबेस पर अपलोड किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इस ऐप के जरिए पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान का भी पूरा ब्यौरा रखा जाएगा, जिससे पशुओं की नस्ल सुधारने में मदद मिलेगी। इसकी मॉनिटरिंग कहीं से भी की जा सकेगी।
प्रमुख बिंदु

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▪ पशु उत्पादकता और स्वास्थ्य के लिये सूचना नेटवर्क (Information Network for Animal Productivity and Health-INAPH) के लिये नोडल एजेंसी ‘राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड’ (National Dairy Development Board-NDDB) है।
▪ आधार के साथ समानताएँ हैं:

1. INAPH भी प्रत्येक पशु को एक विशिष्ट यादृच्छिक पहचान संख्या प्रदान करता है।
2. यह भारत के पशुधन संसाधनों के प्रभावी और वैज्ञानिक प्रबंधन के लिये उपयोगी डेटा एवं सूचनाओं का संकलन करता है।
3. पूरी तरह से तैयार होने के बाद यह पशुओं का सबसे बड़ा वैश्विक डेटाबेस होगा।
4. इसमें निहित डेटा में पशुओं की नस्ल और वंशावली, दूध उत्पादन, कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination-AI), टीकाकरण और पोषण इतिहास से संबंधित समस्त जानकारी शामिल होगी।
▪ INAPH परियोजना के पहले चरण में देश की 94 मिलियन ‘दूध देने वाली’ मादा गायों (अर्थात् ऐसी गाय, जो वर्तमान में दूध उत्पादित करने की अवस्था में नहीं है) और भैंसों की आबादी को शामिल किया जाएगा।
▪ इसमें सभी स्वदेशी, क्रॉसब्रीड के साथ-साथ विदेशी दुधारू पशुओं को भी शामिल किया गया है।
▪ कुछ समय बाद इसे सभी गोजातीय पशुओं तक विस्तारित किया जाएगा जिनमें नर, बछड़े और बछिया, बूढ़े और आवारा पशु भी शामिल हैं।
▪ प्रत्येक पशु के कान पर एक 12-अंकीय UID वाला थर्मोप्लास्टिक पॉलीयूरेथेन (Thermoplastic Polyurethane) टैग लगाया जाएगा।
पशुओं की पहचान के लिए पशुओं को टैग लगाने एवं निबंधन करवा कर पहचान करवाने का फैसला लिया है | सरकार द्वारा सभी पशुओं का ईयर टैगिंग किया जाना है, यह टैगिंग पूर्णत: नि:शुल्क होगा | दुधारू पशुओं जैसे गाय, भैंस को भी यूनिक आईडी नंबर यानी आधार नंबर दिया जाएगा, ताकि उनकी खुद की पहचान तैयार की जा सके. पशुओं की जानकारी जुटाने के बाद उन्हें 12 अंकों का एक नंबर दिया जाएगा और कान में बार कोड वाला एक टैग लगाया जाएगा. इस ‘ईयर टैंगिंग’ के जरिए एक क्लिक से पशुओं की सेहत और बीमारी से जुड़ी सभी जानकारियों का पता लगाया जा सकेगा. यही नहीं ऐसी गायों और भैंसों के कृत्रिम गर्भाधान (आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन) कराने का भी फैसला किया गया है. पशुओं के ईयर टैगिंग के फायदे सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ पंजीकृत पशुओं को ही प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा किये गये टीकाकरण एवं कृमिनाशक दवाओं से डिवर्मिंग के ब्योरे के साथ नस्ल एवं दुग्ध उत्पादन क्षमता की जानकारी लेना भी टैगिंग से संभव है फसल-बीमा की तरह पशुओं के बीमा की योजना भी लागू होने वाली है, जिसके लिए टैगिंग अनिवार्य पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान कार्य का चरणबद्ध प्रगति ऑनलाइन अपडेट करने एवं नस्ल सुधार को नियंत्रित करने में मददगार एवं पशुओं के वंशावली का रिकर्ड रखने में टैगिंग सहायक होता है टैग लगने से खो गए अथवा चोरी हुए पशुओं का पता करना आसान हो जाएगा |

उद्देश्य

▪ पशुओं की उचित पहचान तथा उनके उत्पादों चाहे वह दूध हो या मांस के बारे में, जानकारी प्राप्त करने की क्षमता को सक्षम बनाना।
▪ यदि भारतीय डेयरी और पशुधन उद्योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत स्वास्थ्यकर एवं फाइटोसैनेटरी मानकों का अनुपालन करना है, तो इसके लिये एक मज़बूत तथा व्यापक पशु सूचना प्रणाली, जो उत्पादों को उनके स्रोत के विषय में जानने की अनुमति देती है, का होना अनिवार्य है।
▪ स्वस्थ या प्रीमियम पशुओं से प्राप्त उत्पादों को रोगग्रस्त या गैर-विशिष्ट पशुओं से प्राप्त उत्पादों से अलग किया जा सकता है।
▪ रोग-मुक्त, उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले बैलों और दूध उत्पादक गायों की स्वदेशी नस्लों के प्रजनन के लिये इस डेटा का उपयोग किया जा सकता है। वर्तमान में स्वदेशी नस्लों की दूध उत्पादकता बहुत कम हैं।
इनॉफ की निम्नलिखित विशेषताएं है

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• प्लेटफार्म: इनॉफ आवेदन डेस्कटॉप अनुप्रयोग, एनड्राइड अनुप्रयोग और वेब आधारित अनुप्रयोग की तरह अलग अलग प्लेटफार्म पर विकसित किया गया है ।
• अनुप्रयोग मोड: इनॉफ आवेदन मुख्य रूप से दो अलग-अलग मोड पर काम करता है। पहला ऑनलाइन मोड, जिसमें इंड यूजर (अंत प्रयोक्ता) केंद्रीय सर्वर डेटाबेस, अनुप्रयोगों जैसे – डेस्कटॉप ऑनलाइन और वेब आधारित के साथ सीधे संचार वाले अनुप्रयोगों की तरह ऑनलाइन मोड का एक उदाहरण हैं । दूसरा ऑफलाइन मोड, जिसमें इंड यूजर (अंत प्रयोक्ता) बिना सीधे केंद्रीय सर्वर से संवाद किए प्रविष्टियां अंत में दर्ज करता है तथा बाद में कंनेक्टिविटी के संपर्क में आने पर प्रविष्टियों को सिंक्रनाइज़ करता है । अनुप्रयोग जैसे डेस्कटॉप ऑफ़लाइन और एनड्राइड आधारित ऑफ़लाइन मोड के उदाहरण हैं।
• सिंक मिडिलवेयर: सिंक मिडिलवेयर का प्रयोग ऑफलाइन मोड में निष्पादित लेन-देन के लिए इंड यूजर (अंत प्रयोक्ता) डेटाबेस से ऑफ़लाइन डेटा सिंक्रनाइज़ करने के लिए किया जाता है।
• रिपोर्टिंग: भूमिका और पदानुक्रम आधारित रिपोर्टिंग में एक या एक से अधिक कार्यक्षेत्र शामिल है। आवश्यकता आधारित निर्णय का समर्थन करने के साथ – साथ प्रचालन समर्थन प्रदान करना। रीयल टाइम में कार्रवाई करने के लिए अलर्ट करना।
• सिस्टम अर्किटेक्चर और डिप्लॉमेंट: तंत्र का विकास दुग्ध संघों / महासंघों, उत्पादक कंपनियां, विश्लेषकों और नीति निर्माताओं के रूप में किसानों, क्षेत्र तकनीशियनों, अंतिम कार्यान्वयन एजेंसियों (ईआईए) की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया गया है । अनुप्रयोग इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ हाथों द्वारा चलित उपकरणों (विंडोज फोन और एंड्रॉयड टेबलेट्स) के रूप में कंप्यूटर नेटबुक के माध्यम से संचालित किया जा सकता है। क्षेत्र में एकत्र आंकड़े एनडीडीबी, आनंद के केंद्रीय डेटाबेस में संग्रहीत किए जाते है। नेटवर्क कनेक्शन (ऑफलाइन मोड) के अभाव में, डेटा को कैप्चर करने और जीपीआरएस नेटवर्क के माध्यम से केंद्रीय सर्वर के साथ बाद में सिंक्रनाइजेशन हेतु स्टोर करने का प्रावधान है। इनाफ आवश्यकता अनुसार किसानों को संदेश भेजने, उनके पशुओं के बारे में उचित सलाह प्रदान करने की सुविधा से युक्त है। वेब आधारित रिपोर्ट विश्लेषण के लिए प्रबंधकीय टीम और अन्य निर्णय उत्पादकों के पास उपलब्ध हैं।

निम्नलिखित सेवाओं प्रदान करते हैं:
पशु प्रजनन:

इनाफ अनुप्रयोग का उपयोग दूध संघों और एआई सेवा प्रदाताओं तथा आहार संतुलन कार्यक्रम को लागू करने वाली एजेंसियों के साथ हुई साझेदारी में एनडीडीबी द्वारा कार्यान्वित विभिन्न परियोजनाओं के लिए किया जा रहा है

आहार संतुलन कार्यक्रम:

आहार संतुलन कार्यक्रम (आरबीपी) को डेरी सहकारी समितियों, उत्पादक कंपनियों, सेवा प्रदाता संस्थाओं (एनजीओ) की मदद से कार्यान्वित किया जा सकता है। बड़े पैमाने पर आरबीपी की अवधारणा को लोकप्रिय बनाने के प्रयासों के जारी हैं ।

पशु स्वास्थ्य:

इनॉफ का पशु स्वास्थ्य उप मॉड्यूल पशु स्वास्थ्य से संबंधित गतिविधियों के सभी पहलुओं को कैप्चर करने के उद्देश्य से बनाया गया है । पशुओं का डाटा कैप्चर मोटे तौर पर आधारित है:

(क) व्यक्तिगत गतिविधि – जिसमें प्रत्येक पशु का विशेष पहचान संख्या (टैग सं.) दर्ज करना अनिवार्य है और (ख) समूह गतिविधि – जिसमें प्रत्येक पशु की व्यक्तिगत रूप से पहचान करने की आवश्यकता बिना गांव, प्रजातियों, पशुओं की संख्या इत्यादि का रिकार्ड रखा जाता है ।

प्रयोगशालाएं:

प्रयोगशालाएं इस डोमेन के लिए महत्वपूर्ण घटक हैं। किसान को सेवाएं प्रदान करते समय आहार, चारा, दूध, पैथोलॉजी इत्यादि के नमूने आवश्यक परीक्षा विभिन्न प्रकार के आवश्यक परीक्षण एवं अपेक्षित विश्लेषण के लिए एकत्र किए जा रहे हैं। जब कभी भी क्षेत्र में कोई नमूना संग्रहीत किया जाता है और लेन-देन प्रणाली में दर्ज की जाती है तो अनुप्रयोग द्वारा एक विशेष नमूना आईडी उत्पन्न किया जाता है। बाद में, इस नमूना आईडी का प्रयोग अनुप्रयोग में आगे की प्रक्रिया के लिए किया जाता है।
इनाफ से निम्नलिखित मुख्य लाभ प्राप्त होते हैं-

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1. वंशावली तथ्य, लेक्टेशन ईल्ड्स तथा मालिक के विवरण के साथ पशु की विशिष्ट पहचान
2. प्रजनन, पोषण एवं बेहतर सांड़ और कुलीन (ईलीट) मादा की स्वास्थ्य की पहचान करने से संबंधित सभी गतिविधियों का रिकॉर्ड रखना
3. विभिन्न प्रजाति / नस्ल / गांव / जिले के लिए रोगों के प्रकोप एवं बीमारी पैटर्न की ट्रैकिंग
4. अधिक स्वस्थ / उत्पादक पशुओं से किसानों की आय में वृद्धि होती है
5. एआई सेवाओं की क्षमता एवं प्रभाविता तथा आहार संतुलन परामर्श सेवाओं का आंकलन
6. आनुवंशिक सुधार कार्यक्रमों की निगरानी एवं अनुवर्ती कार्रवाई
इनॉफ प्राप्त करना
एक संगठन के रूप मेंइनॉफ अनुप्रयोग के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए अपना अनुरोध कृपया प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड, आनंद 388001 को भेजें।
एक किसान के रूप में कृपया इनॉफ पोर्टल पर स्वयं को रजिस्टर करें और अपनी लॉगिन जानकारी की पुष्टि के बाद, आप निम्नलिखित तरीकों से इनॉफ अनुप्रयोग का उपयोग करने में सक्षम हो जाएगें,

1. यदि आप एक ऑफ़लाइन किसान के रूप में पंजीकृत हैं, तो आपको अपने लॉग-इन की जानकारी तथा इनॉफ किसान एंड्रायड एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए लिंक की जानकारी सेल फोन पर एसएमएस से प्राप्त होगी। और या फिर आप सीधे इनॉफ पोर्टल में लॉग-इन और इनॉफ किसान एंड्रायड एप्लीकेशन डाउनलोड कर सकते हैं।
2. यदि आप एक ऑनलाइन किसान के रूप में पंजीकृत हैं तो अपने लॉग-इन की जानकारी सेल फोन पर एसएमएस से प्राप्त होगी। आप सीधे इनॉफ पोर्टल पर लॉग-इन करके इनॉफ किसान वेब अनुप्रयोग का प्रयोग करना शुरू कर देंगे।
एक फील्ड उपयोगकर्ता के रूप में
लॉग-इन की जानकारी प्राप्त करने के लिए कृपया अपनी संस्था (ईआईएः अंतिम कार्यान्वयन एजेंसी) से संपर्क करें। यूजर आईडी और पासवर्ड की जानकारी प्राप्त करने के बाद इनॉफ पोर्टल में लॉग-इन और इनॉफ बाइनरी डाउनलोड करें।
इनॉफ के विभिन्न एप्लिकेशन्स निम्नलिखित हैं –

क. एडमिन एप्लिकेशन
ख. मेन एप्लिकेशन
ग. लैब एप्लिकेशन

इनॉफ मुख्य एप्लिकेशन्स के निम्नलिखित वर्जन हैं –

क. इनॉफ डेस्कटॉप ऑनलाइन
ख. इनॉफ डेस्कटॉप ऑफ़लाइन
ग. इनॉफ एंड्रॉयड (पशु पंजीकरण एवं पोषण मॉड्यूल)
घ. इनॉफ एंड्रॉयड किसान (पशु पंजीकरण एवं पोषण मॉड्यूल)
इनॉफ पोर्टल से डॉट नेट फ्रेमवर्क डाउनलोड करें > प्री रिक्यूजीटीज़ > डॉट नेट फ्रेमवर्क और उसे सिस्टम पर डाउनलोड करें। कंट्रोल पैनल ओपन करें -> सभी कंट्रोल पैनल आइटम -> प्रोग्राम एवं फीचर और क्लिक करें – टर्न विंडोज फीचर ऑन या ऑफ करने हेतु । विकल्प का चयन करें । नेट फ्रेम वर्क 3.5 (नेट 2.0 और 3.0 सहित) और डॉट नेट फ्रेमवर्क 4.5 एडवांस सर्विसेज का चयन करें, ओ.के. बटन पर क्लिक करें। यह विंडोज 8 / विंडोज 8.1 ओएस के लिए इंटरनेट से डॉट नेट फ्रेमवर्क डाउनलोड करेगा और सेटअप चालू होगा।
ऑफ़लाइन वर्जन: मेन मीनू पृष्ठ से iNotify Synch पर क्लिक करें, एक अन्य स्क्रीन खुलेगा, उसके बाद Synch बटन पर क्लिक करें, उसके बाद आपको congratulations ! Your incremental synch is done (‘बधाई हो, आपका इंक्रीमेटंल सिंच पूरा हो गया)! मैसेज प्राप्त होगा । लॉग विंडो में Message type as Sent to server को सेलेक्ट करके आप अपना सिंच डाटा स्टेटस देख सकते हैं । जो एक और स्क्रीन, मैसेज स्टेटस के साथ ओपन होगा। इसके अलावा, आप एमआईएस रिपोर्ट पर ऑनलाइन अपने डेटा की जाँच कर सकते है तथा अपने डेटा का सत्यापन कर सकते हैं।

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