गायों में ब्रूसिलोलिस संक्रमण

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गायों में ब्रूसिलोलिस संक्रमण

गायों में ब्रूसिलोलिस संक्रमण

डॉ मेघा पांडे, वैज्ञानिक (पशु पुनरुत्पादन),
भाकृअनुप – केंद्रीय गोवंश अनुसन्धान संस्थान
मेरठ छावनी- 250001 (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल: 9410971314

*लक्षण एवं बचाव*:

परिचय: ब्रूसिलोलिस एक यौन संचारित संक्रामक बीमारी है जो की ब्रूसेला (Brucella) जाति के जीवाणु द्वारा उत्पन्न होती है। यह रोग गायों में गर्भावस्था की अंतिम तीन महीनों में गर्भपात के लिए जिम्मेदार होता है । संक्रमित पशुओं का दूध को कच्चा पीने या इनके स्रावों (secretions) के सम्पर्क में आने से मनुष्यों में भी इसका संक्रमण फैल सकता है।

*कारण*:

• ब्रूसिलोलिस संक्रमित सांड का वीर्य (AI द्वारा) गर्भधारण।
• ब्रूसिलोलिस संक्रमित पशु में गर्भपात के समय निकले हुए स्राव व गंदगी यदि दूसरे पशु के संपर्क में आ जाए या पशु चारे के साथ इन जीवाणुओं को अपने आहारनाल में ले लें।
• आंख और नाक की श्लेष्मा (mucosa) द्वारा भी पशु इससे ग्रसित हो सकता है।
• यह जननांग स्पर्श के माध्यम से भी फैल सकता है।

*लक्षण*:

• गर्भकाल के अंतिम तिमाही दिनों (साधारणतया ६ से ९ महीने के बीच) में गर्भपात
पशुओं में गर्भपात से पहले योनि से अपारदर्शी पदार्थ निकलता है तथा गर्भपात के बाद पशु की जेर रुक जाती है।

*रोकथाम*:

• अब तक इस रोग का कोई प्रभावकारी इलाज नहीं हैं। यदि गर्भपात के लक्षण नज़र आने लग गए तो गर्भपात को रोकना संभव नहीं होता।
• गर्भपात होने की स्थिति में जेर को मिट्टी में दबा दें और फ़िनाइल से बाड़े की सफाई करें।
• पशु को जेर या निकलते हुए स्राव को खाने न दें।
• गर्भपात के लक्षण दिखते ही निकटतम पशुचिकित्सालय में संपर्क करें।
• *बच्छियों में 3-6 माह की आयु में ब्रुसेल्ला-अबोर्टस स्ट्रेन-19 के टीके लगवाएं।*
• पशुओं में प्रजनन की कृत्रिम गर्भाधान पद्धति अपनाकर भी इस रोग से बचा जा सकता है।

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