पिस्सु संक्रमक:  त्वचा एलर्जी एव निदान

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पिस्सु संक्रमक:  त्वचा एलर्जी एव निदान

पशु चिकित्सा विभाग CoVSc और ए एचनानाजी देशमुख वेटरनरी साइंस यूनिवर्सिटी  जबलपुरशशि प्रधान, बृजेश सिंह, अमिता तिवारी, रणबीर जाटव, देवेंद्र गुप्ता एव शिवांगी शर्मा

 

पिस्सू का जीवन पिस्सू के जीवन में चार चरण होते हैं -ंडा, लार्वा प्यूपा (कोकुन)व्यास्क| पिस्सू का जीवन चक्र पर्यावरण परिस्थियो के आधार पर कुछ दिनों का या काई महिनो का हो सकता है | व्यास्क पिस्सू, पशु या मना शरीर से रक्त चुस्ता है, उन्हें साझा करें, मादा पिस्सू, मेजवान पशु \ मानव शरीर पर अंडे देती है | तापमान एव अर्दता के आधार पर 1-10 दिन में आंडो से लार्वा निकलते हैं|ये लार्वा, पशु-रक्त या पिस्सू-मल को ग्रहण करते हैं 5-20 दिन के भीतर, प्यूपा \कोकुन अवस्था में प्रवेश करते हैं|समन्यतपरन्तु कम वतावरणीय तापमान में ऐसी प्रकृति को महिनो लग सकते हैं

|              लक्षण 

पिस्सू के काटने के कारण स्वान की त्वचा पर लाल रंग के छोटे उभाड़ बनते हैं एव स्वान द्वारा इन उभादो को खुजालने पर त्वचा सुख जाती है | पिस्सु द्वारा प्रभाबित स्वान में अलग हो लाल का ने पर निमन लच्छ दिखा देते हैं:-:

:त्वचा का लाल होना

:बालो का झड़ना

: गंभीर रूप के खारूच और खुजली के निशान

: प्रभाबित ट्वाचा की मोटाई बढ़ाना या पापड़ी बनाना

:स्वान द्वारा खरोच और खुलीली के निशान

:पुच एव उसके आसपास के हिसे में सुजन ब लालिमा होना

संक्रमित श्वान में निम्न सामान्य संकेत दिखते है :-

·    खून की कमी।  सुस्त दिखना ,बजन कम होना

·    मासनो में पीलापन   । साँस फूलना

रोग का निदान

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श्वान की त्वचा पिस्सू की मौजूदगी की पहचान करना

स्किन टेस्ट  

 रोग का उपचार एवं  नियत्रण

सक्रमित  श्वानो में रोग की गंभीरता के आधार पर पिस्सू की समस्या को नियत्रण करने की दवा दी जाती हैअतःउक्त प्रयोजन हेतु निकटस्थ पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्स्क से संपर्क करे। रोग के उपचार एव नियत्रण हेतु निम्न उपाय प्रयुक्त किये जाते है;-

स्पॉट ऑन ट्रीटमेंट

इस उपचार में तरल कीटनाशक दवा,त्वचा के प्रभाबित हिस्से पर लगाई जाती है जिनमे मुख्य रूप से डेल्टामैथ्रिन,फिप्रोनोल, परमेथ्रिन ,सेलामेक्टिन,  डायनोत्फ्यूरॉन ,पायरिप्रेक्सीफेन इत्यादि शामिल हैउपरोक्त में से कुश कीटनाशक व्यस्क पिस्सू को नस्ट करते है जब्कि अन्य व्यस्क पिस्सुओं को पनपने से रोकते है

  • शैम्पू :पिस्सुओं को शरीर से बहार निकलने के लिए, कीटनाशक उक्त ,शैम्पू बाजार में उपलब्ध है जिनका प्रयोग किया जाता है ।

·     पाउडर: पिस्सुओं को शरीर से बहार निकलने के लिए प्रयोग किया जाता है·

कॉलर : पिस्सू की समस्या निवारण हेतु पिस्सू कॉलर का प्रयोग किया जाता है यह कॉलर श्वान की  गर्दन में पहनाया जाता है। इस पटटे के इस्तेमाल के दौरान उसमे मौजूद रसायन धीरे धीरे निकलता है जो की पिस्सू के लार्वा -चरण के बिकास को रोकता ह। पिस्सू के खिलाफ यह  कॉलर आठ महीने तक प्रभाबी रहता है।

  • कंघी ; स्वान के शरीर से पिस्सू को सुरछित निकलने हेतु, एक विशेष प्रकार की दाँतदार कंगी का प्रयोग किया जाता है।
  • दवाई -पशु चिकित्स्क की सलाह पर, कीटनाशक की उचित मात्रा प्रभाबित श्वान कप दी जाती है।
  • पिस्सू के विकाशसील चरणों के रोकथाम हेतु स्वान के केनेल। घर की साफ़ -सफाई की उचित ब्यवस्था बनाये रखे।

पशुओं में होने वाले प्रमुख रोग लक्षण एवं उपचार

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