किस तरह रखें गर्मियों में अपने डॉग का ध्यान

0
2523

किस तरह रखें गर्मियों में अपने डॉग का ध्यान

कहते हैं कि इंसान का सबसे वफादार दोस्त एक कुत्ता ही होता है, यह बात वह लोग भली भांति जानते हैं जिन्होंने कभी कुत्ता पाला हैं.गर्मियां आ गई हैं और इस मौसम में आपके वफादार दोस्त यानी प्यारे डॉग को खास देखभाल की जरूरत है.

कहते हैं कि इंसान का सबसे वफादार दोस्त एक कुत्ता ही होता है, यह बात वह लोग भली भांति जानते हैं जिन्होंने कभी कुत्ता पाला हैं.गर्मियां आ गई हैं और इस मौसम में आपके वफादार दोस्त यानी प्यारे डॉग को खास देखभाल की जरूरत है.

डॉग को गर्मियां जरा भी नहीं भाती. इसका कारण ये है कि पालतू जानवरों के शरीर का तापमान हम इंसानों के शरीर से ज्यादा होता है. इसलिए इनके लिए गर्मियां काफी तकलीफ वाली होती हैं. कुत्ते अपनी त्वचा के माध्यम से पसीना नहीं करते हैं जैसा कि मनुष्य करते हैं. डॉगी के शरीर पर पसीना नहीं आता है. गर्मी से खुद को बचाने के लिए ये जीभ निकालकर सांस लेते हैं, इस प्रकिया को पैंटिंग कहते हैं. कुत्तों की कुछ खास नस्लों को गर्मी कुछ ज्यादा ही लगती है. उन्हें गर्मी के मौसम में ओवरहीटिंग की समस्या होती है जैसे-

ब्रेकीओसिफैलिक प्रजाति के बुलडॉग, बोस्टन टेरियर्स, शिह त्ज़ुस, चिहुआहुआ, चाउ चाउ, पेकिंगेज़, ल्हासा एप्सो, बुल मास्टिफ़्स, पग, और पेकिंगीज ब्रीड को एयरकंडीशनर में रखना बेहद जरूरी होता है. इस तरह के पपी और डॉग्स को ठंडे रूम में रखना चाहिए, नहीं तो गर्मियों में इनकी तबियत बिगड़ सकती है.

पूरे शबाब पर चल रही गर्मी लोगों के साथ-साथ पेट्स को भी बेहाल कर रही है। तेज गर्मी और अचानक बदल रहे मौसम का असर पेट्स पर भी हो रहा है। गर्मी से पेट्रस को हीट-स्ट्रेस’ हो रहा है। अगर आपका डॉगी सुस्त रहने लगा है, या फिर उसने खाना-पीना बंद कर दिया है, तो संभल जाइए। हो सकता है हाई टेम्प्रेचर उसकी बॉडी को प्रभावित कर रहा हो। इस उमस भरे मौसम में पेट्स में हीट स्ट्रेस समेत कई अन्य बीमारियां पैदा होती है, जो उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। आइए हम आपको बताएं कि गर्मी में होने वाली बीमारियों से आप अपने डॉगी को कैसे बचा सकते हैं।

हीट-स्ट्रेस की चपेट में पेट्स

जैसे-जैसे टेंप्रेचर ऊपर जाता है, इसका असर जानवरों की बॉडी में हीट स्ट्रेस के रूप में होता है। पालतू जानवर की बात करें तो कुत्ते में ये हीट स्ट्रेस ज्यादा प्रभाव डालता है।  अगर आपका डॉगी हांफ रहा है या उसे उल्टी आ रही है। या जुकाम, सूखी खासी, बुखार या फिर उसका यूरिन बंद है। तो अलर्ट हो जाएं, क्योकि ये लक्षण बताते है कि आपके पेट्स को हीट-स्ट्रेस जकड़ लिया है। हीट-स्ट्रेस को हल्के में लेने की गलती न करें।

ेट्स को ये ट्रीटमेंट

– डॉगी के शरीर की दिन में कम से कम एक बार ठंडे पानी से सिकाई करें।

– कुत्ते को खुले, सूखे व ठंडे स्थान पर रखें, संभव हो तो उसे एयरकंडीशन्ड प्लेस में रखें।

– ज्यादा गर्म व हैवी खाना न दें, हफ्ते में अधिकतम दो बार चिकिन मीट ही खिलाएं।

– अगर पेट्स ठंडा पीता है तो उसे ठंडा पानी ही पिलाएं। हफ्ते में अधिकतम दो बार नहलाएं।

– दोपहर में खाना देने से बचें, ज्यादा गर्मी से खाना डायजस्ट नहंीं होगा, जिससे मोशन में प्रॉब्लम होगी।

– खाने में दही ऐड करें, कुत्ते को दोपहर में बाहर न जानें दें।

स्किन की होती है प्रॉब्लम

गर्मियां शुरू होने पर जानवर विशेषकर पालतू जानवरों में स्किन डिसीज जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। कुत्तों में टिक यानि किलनी से होने वाला ये रोग अन्य गंभीर बीमारियों का वाहक है। इस बीमारी में शरीर का खून कम हो जाता है। डॉक्टर के मुताबिक बीमारी का प्रमुख लक्षण कुत्ते का भूखा रहना, उल्टी व एबनार्मन बिहेवियर है। इसके अलावा गर्मी बढ़ने के साथ पसीने की ग्रंथी वाले जानवर जैसे कुत्तों में स्किन इंफेक्शन जैसे फंगस, एक्टोपैरासाइट यानि चिपचिपी त्वाचा जैसी परेशानियां पैदा हो जाती हैं। ये समस्याएं कुत्ते के शरीर में पल रही किसी भी प्राइमरी स्टेज से बहुत ज्यादा बीमारी कर देती हैं।

बरतें कुछ सावधानी

– ज्यादा पसीना निकलने से बॉडी में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, इसलिए कुत्ते की प्रॉपर सफाई करें।

– बुल डॉग, पामेलियन, जर्मन शेपर्ड व अन्य ऐसी ब्रीड के कुत्तों की सफाई का विशेष ख्याल रखें जिनके बाल बड़े होते हैं।

– बॉडी पर रेड पैचेज या फिर फंगस पैदा हो रही हो, या फिर पेट में सूजन हो तो अलर्ट हो जाएं।

– किलनी पैदा होने पर बॉडी के उस हिस्से की विशेष सफाई करें। कुत्ते का प्रॉपर वैक्सीनेशन कराएं।

हर दिन करीब भ्0 से म्0 जानवर इलाज के लिए लाए जाते हैं, जिनमें से इस समय भ्0 फीसदी हीट-स्ट्रेस के शिकार हैं। इन समय कुत्ते जैसे स्वैटिंग ग्लैंड वाले जानवरों में स्किन प्रॉब्लम बहुत बढ़ जाती हैं।

 

गर्मियों में अक्सर मौसम बदल जाने के कारण डॉग्स की खुराक पर खासा असर पड़ता है। ऐसे में आपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, ताकि गर्मी के कारण पेट बीमार न पड़ जाएं। खास बात यह है कि जब बाहर का तापमान बढ़ता है, तो आपका पेट भी ओवरहीट होने लगता है। उसे डिहाइड्रेशन और हीटस्ट्रोक जैसी कई दिक्कतें होने लगती है।

इसके अलावा बाहरी गर्मी में अपने बॉडी टेम्प्रेचर को मेंटेन रखने के लिए भी कुत्तों की काफी एनर्जी खर्च होती है। ऐसे में जरूरी है कि गर्मी के दौरान वे भरपूर खाएं ताकि उन्हें पर्याप्त न्यूट्रिशन और एनर्जी मिलती रहे। अगर गर्मी के कारण पेट नहीं खा रहे हैं, तो यह भी ख्याल रखें कि आप उन्हें एनर्जी और न्यूट्रिशंस से भरा हुआ पेट फूड दें।

अपने पेट के लिए खाना चुनते समय उसका आकार, उम्र, ब्रीड और उसकी न्यूट्रिशन रिक्वायरमेंट पर भी ध्यान दें। कुछ लोगों को लगता है कि नॉन वेज, चिकन और मीट खाने से उन्हें गर्मी नहीं चढ़ेगी लेकिन यह सभी पदार्थ गर्मियों के दौरान काफी भारी रहते हैं।

READ MORE :  Artificial Insemination in Dogs

ऐसे में आपको बेहद सावधानी से अपने पेट के लिए खाना चुनना चाहिए। कई लोग अपने पेट को गर्मियों से बचाने के लिए होम मेड डाइट जैसे कि दही और चावल दे देते हैं। परन्तु यह भी ठीक नहीं हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दही और चावल में सत्तर से अस्सी प्रतिशत तक पानी होता है।

ऐसे में इन्हें खाने से पर्याप्त एनर्जी, विटमिन और मिनरल्स आदि नहीं मिल पाते हैं। इसके चलते मात्र दही और चावल खाने से आपका पेट हमेशा थका हुआ और सुस्त रहेगा। ऐसे में अपने पेट को सही डॉग फूड खिलाएं ताकि उन्हें पर्याप्त न्यूट्रिशन और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी तत्व मिल सकें। कुत्तों और इंसानों की न्यूट्रिशन रिक्वायरमेंट अलग अलग होती है। ऐसे में पालतू जानवरों के मालिकों को कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए…
अच्छी डायट
हमेशा अपने पेट को बैलेंस्ड और न्यूट्रिशन से भरपूर डायट दें ताकि उन्हें गर्मी से सुरक्षा मिल सके। बाजार में जो पेट फूड मिलते हैं उनमें काफी ऐंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जिससे उन्हें हीट स्ट्रैस से बचाया जा सकता है।

कब दें और कितना दें
हो सके तो अपने पेट को दिन के सबसे ठंडे समय में ही भाजन करवाएं और धीरे-धीरे करके उनके खाने का समय बढ़ाते जाएं। अपने पेट की रोजमर्रा की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें उसी अनुसार भोजन देना शुरू करें। हमेशा यह ध्यान रखें कि आप अपने पेट को पर्याप्त मात्रा में उसकी जरूरत के मुताबिक भोजन दें। इससे वह काफी फ्रैश भी नजर आएगा।

अलग-अलग तरह का भोजन
गर्मियों के दौरान अपने पेट को सारी जरूरी चीजें देने के लिए गीले और सूखे भोजन का मिश्रण तैयार करें। एक पाउच ग्रेवी पाउच के लिए 20 ग्राम ड्राई पेट फूड और आवश्यकता के हिसाब से इस मात्रा को कम किया जा सकता है। आप एक ही फूड के अलग-अलग फ्लेवर भी ट्राई कर सकते हैं। ग्रेवी और कैन वाले वेट फूड में काफी पानी होता है इससे वॉटर बैलेंस बना रहता है।

उनकी गतिविधियों पर ध्यान दें
हर सप्ताह अपने पालतू जानवर का वजन और बॉडी कंडिशन चेक करते रहें। उसी के मुताबिक उन्हें खाना देते रहे। गर्मी के दौरान उन्हें डिहाइड्रेट होने से बचाने के लिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाते रहें। अपने पेट को बाहर घुमाने या एक्सरसाइज कराने तभी बाहर निकाले जब ठंडा मौसम हो। याद रखें कि गर्मियों में आपका पेट खाना खाने में कोई रुचि नहीं जताएगा, लेकिन आपको उसकी डायट में अलग-अलग तरह के विकल्प शामिल करने होंगे। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि वह एक साथ सारा खाना ठूस न ले बल्कि धीरे धीरे चबा-चबा कर खाए ताकि उसका आसानी से खाना पच सके।

घने बालों (फर) वाले कुत्ते- साइबेरियन हस्की, बर्नीसी माउंटेन, अलास्कन मालाम्यूट ब्रीड आदि घने बालों वाले कुत्ते है. कुत्तों का फर इन्सुलेशन की तरह काम करता है, और इस तरह गर्मियों में उन्हें ठंडा रखता है और सर्दियों में उन्हें गर्म रखता है, लेकिन इसका मतलब है कि वे छोटे बालों वाली नस्लों की तुलना में तेजी से गर्म होते हैं.

ब्लैक हेयर कोट डॉग –काले कुत्तों में प्रकाश (ऊष्मा) का अवशोषण होता है जबकि हल्के रंग या सफ़ेद रंग के कुत्तों में प्रकाश का रिफ्लेक्शन होता है. जिससे ये काले फर वाले कुत्तों की अपेक्षा कम गर्मी का अनुभव करते हैं.  इसलिए काले बाल वाले कुत्तों में हीटस्ट्रोक का खतरा गर्मियों मे अधिक रहता है, अगर कुत्तों की नस्लों कि जाए तो विदेशी मूल की नस्ल के कुत्तों को गर्मी ज्यादा लगती है. जर्मन शेपर्ड, लेब्राडोर, पग आदि विदेशी नस्ल के कुत्तों को गर्मियों का मौसम ज्यादा प्रभावित करता है, इसलिए इस मौसम में इन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है.

धूप से बचाएं

यदि डॉग खुले में रहता है तो उसे धूप में न रहने दें, उसे छायादार स्थान पर ही रखें. जहां तक हो सके डॉग को सीधी धूप से बचाएं. यदि डॉग को गर्मी ज्यादा लग रही है तो उसके शरीर को ठंडे पानी से गीला कर सकते है. ऐसा करने से उसके शरीर का तापमान कम होगा और उसे गर्मी से राहत मिलेगी. यदि आपका डॉगी विदेशी नस्ल का है तो दिन के समय उसे घर के अंदर कूलर या एसी में ही रखें. खड़ी या रुकी गाड़ी में ज्यादा देर के लिए कुत्तों को मत रखें. इससे उनके दिमाग को नुकसान पहुंचता है. कई बार इस तरह ज्यादा गर्मी की वजह से उनकी मौत भी हो सकती है, क्योंकि गर्मियों में कुत्ते कम खाते हैं और अपने शरीर का तापमान कम करने के लिए ऊर्जा ज्यादा नष्ट कर देते हैं.

कुत्तों को सुबह या शाम को ही घुमाने ले जाए

कुत्तों को गर्मियों में टहलाने के लिए हमेशा सुबह और शाम का वक्त ही चुनें. सूरज चढऩे के बाद उसे घुमाने न ले जाएं. यदि आपका डॉग हांफने लगे या उसके मुंह से झाग आने लगे तो समझ जाइए की उसे गर्मी या लू का असर हो गया है. इस स्थिति में उसे वेटरनरी डॉक्टर के पास ले जाएं. यदि आपके डॉग के शरीर पर ज्यादा बाल हैं तो उन्हें गर्मियों के मौसम में समय-समय पर काटवाते रहें. छोटे बालों में गर्मी कम लगती है. ऐसा करने से उसकी स्किन पर पनपने वाले बैक्टिरिया और परजीवी से भी उसे बचाया जा सकता है.

गर्मियों में डी-हाइड्रेशन से बचाएं

गर्मियों में डॉग को हीट स्ट्रोक लगने की संभावना सबसे ज्यादा होती है, जिससे इनमें डी-हाइड्रेशन डिवेलप हो जाता है. इसे सामान्य भाषा में हम लू लगना कहते हैं. गर्मियों में डॉग को डी-हाइड्रेशन से बचाने के लिए डॉग के पास हमेशा पानी रखा रहना चाहिए, जिससे वह समय-समय पर पानी पी सके. गर्मीयों के मौसम में दिन के समय डॉग को दिए जाने वाले पानी में थोडा इलेक्ट्रॉल और ग्लूकोज भी मिला दें, ये डॉग को डी-हाइड्रेशन से बचाने में मदद्गार साबित होगा. इसके अलावा डॉग को दिन के समय छायादार, ठंडे स्थान पर ही रखें.न्यू बोर्न पपी को गाय के दूध से एलर्जी भी हो सकती है. पाउडर वाला दूध पपी को देते समय उसमें उबला हुआ या डिस्टिल्ड वॉटर का ही इस्तेमाल करना चाहिए. जरा सी लापरवाही से पपी को लूज मोशंस हो सकते हैं.

READ MORE :  Treatment Protocol of Canine Parasitic Dermatitis (Ticks, Mites, Fleas & Lice)  in India

डॉग को बहुत देर तक धूप में मत रहने दें. अगर डॉग खुले में रहता है तो इस बात का ध्यान रखें कि वह छाया में ही रहे और उसे भरपूर पानी मिले. गर्मियों में डॉग को रोजाना नहलाया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि डॉग को शैंपू रोजाना मत करें और जिस भी शैंपू का इस्तेमाल करें उसे वेटेरिनरी डॉक्टर से पूछकर करें.

खाने-पान का रखें विशेष ध्यान

गर्मियों में डॉग सामान्य दिनों की अपेक्षा कम खाता है, इसलिए यह भी जरूरी है कि हम अपने डॉग को गर्मियों में संतुलित आहार दें. पालतू जानवरों को गर्मियों में घर में बनी चीजें, जैसे दही और चावल जैसा हल्का आहार खिलाएं. इसके अलावा रेडीमेड डॉग फूड, जैसे पेडिग्री दे सकते हैं. इससे उसे पूरा पोषण मिलेगा. खाने का समय और जगह ठंडी हो, क्योंकि ज्यादा गर्मी होगी तो वह खाना नहीं खाएगा.

यदि डॉग उल्टी करता है या फिर वह थका हुआ लगता है तो उसे वेटेरिनरी डॉक्टर के पास ले जाएं.

गर्मियों में अपने पालतू जानवरों की देखभाल करने के लिए टिप्स/ Tips For Taking Care Of Your Pet In Summer

गर्मियों का समय सब के लिए मज़ेदार होता है, घर पे रहने, मन पसंद खाने और आराम करना का समय होता है। बहोत से लोग तो गर्मियों के समय में किसी पसन्दीदार जगह घूमने का भी प्लान करते है।

लेकिन वही गर्मी का मौसम में पालतू जानवरों की देखभाल करना चुनौतियों से काम नहीं होता है। वैसे जंगली जानवरो की त्वचा इसके लिए अनुकूलित होती है, लेकिन पालतू जानवर जयादातर घर में रहने की वजह से अधिक तापमान के प्रति सवेदनशील होजाते है, जैसा कि उनके मालिक होते हैं।

 

इसलिए उनकी देखभाल आम तौर पर मुश्किल हो जाता है। हमें अपने पालतू जानवरो की इस मौसम में देखभाल करने की उचित जरुरत होती है। जब तापमान चरम पर हो तो इनको अपने परिवार के सदस्य की तरह देख रेख की आवश्यकता होती है, ताकि गर्मियों का आनंद ले सके आप के तरह।

गर्मियों में थोड़ी सी सावधानी बरत कर इनका हम अच्छी  रख सकते है, कुछ साधारण सुझाव:

गर्मी को आरामदायक बनाये/ Make Summer Comfortable

मनुष्य केवल एक ऐसे प्राणी जो अपनी बुद्धि और विवेक के बदौलत हर समस्या का सामना करना जनता है। लेकिन इनके विपरीत, आपके पालतू जानवर में गर्मी से निपटने की एक सीमित क्षमता है क्यों की ये भी घर में रह कर अपने मालिकों की तरह हो जाते है। कुत्ते अपने पैर के पंजे के माध्यम से गर्मी से होने वाला पसीना छोड़ते हैं, जबकि मनुष्य अपने शरीर पर त्वचा के माध्यम से पसीना निकाल सकते हैं।

गर्म मौसम के दौरान पालतू जानवरों के लिए निर्जलीकरण (काम पानी की वजह से) एक बड़ी समस्या हो सकती है। कुछ पालतू जानवर जैसे की बिल्ली हीट स्ट्रोक के लिए अतिसंवेदनशील होती हैं। इस मौसम के समय में अधिक वजन वाले पालतू जानवरों पर नजर रखनी चाहिए।

गर्मियों में, निश्चित करें कि अपने फालतू के पास हमेशा ताज़े, ठंडे पानी की प्रचुरता रहे। उन्हें दिन में धूमाने न जाये, यदि बहार घुमाना ही हो तो सुबह के समय ले के जाये। इस गर्म मौसम में अपना और अपने फालतू जानवर का अच्छे से ध्यान रखे ताकि गर्मियों के दिनों को अच्छा आनन्द ले सके।

साफ सफाई का रखे ध्यान/ Take Care Of Cleanliness

ग्रीष्मकालीन समय में अक्सर देखा होगा की की इन्सनो को मच्छर बहोत ही परेशान करते है वीएस ही गर्मियों में पालतू जानवरों को भी किट पतंगे बहोत परेशान करते है, साथ ही अनेक बीमारियों को जन्म देते है। बल्कि लोग जिस तरह से उन्हें दूर करने की कोशिश करते हैं, वह आपके बाहरी पालतू जानवरों के स्वास्थ्य के लिए भी समस्या पैदा कर सकता है। उर्वरक और कीटनाशक एक लॉन को शानदार दिखने में मदद कर सकते हैं, लेकिन वे आपके पालतू जानवरों के लिए बहुत खतरनाक हो सकते हैं।

इन सब से बचने के लिए अपने पालतू जानवर की साफ सफाई का इन दिनों में अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।

जब हमारे पालतू में पिस्सू, टिक्स या कोई अन्य कीड़े हो जाते है तो उनके व्यवहार में बदलाव आ जाता है जिससे हम आसानी से पता लगा सकते है। ये छोटे कीड़े हमारे लिए भी पर्सनी का सबब बन सकते है इसलिए उनकी स्वच्छता ध्यान रखना चाहिए।

खानपान का ध्यान रखे/ Take Care Of Food

घर में अनेक चीजे रहते है, जो इधर उधर बिखरी रहती है। खास कर जब घर में बच्चे और और पालतू जानवर हो। खास कर कुत्तो में किसी भी चीज को सुघने और खाने की आदत होती है, इसलिए इन पर हमेशा ध्यान देना चाहिए। यदि ये अनजाने में कुछ खा लेते है तो आप लिए परेशानी का कड़ी हो सकती है इसलिए ऐसी सामग्री इनके पहुंच से दूर रखनी चाहिए।

आपके पालतू जानवर को सनस्क्रीन की जरूरत/ Your Pet Needs Sunscreen

पता करें कि क्या आपके पालतू जानवर को सनस्क्रीन की जरूरत है। कुछ पालतू जानवर, विशेष रूप से छोटे बाल और गुलाबी त्वचा वाले, धूप की कालिमा के लिए अतिसंवेदनशील हो सकते हैं। अपने पशु चिकित्सक से बात करें कि आपके पालतू जानवरों की त्वचा पर कौन से प्रकार के सनस्क्रीन सबसे सुरक्षित हैं, और नियमित रूप से आपकी गर्मियों की दिनचर्या के हिस्से के रूप में सनस्क्रीन लगाने के द्वारा पालन करें।

READ MORE :  Cherry Eye in Dogs:Treatment & Prevention

भोजन और पानी/ Food And Water

गर्मियों में उचित भोजन और सही मात्रा में पानी की आवशयकता सभी जीवों को होती है, इसलिए अपने पालतू  का इन दिनों अच्छे से ध्यान रखने की जरुरत होती है। हमेशा अच्छा खाना और शुद्ध पानी की जरुरत को पूरा करना चाहिए।

पानी में सुरक्षा करें/ Protect In Water

गर्मियों में पालतू जानवरों की देखभाल के अन्य पहलुओं के साथ, पानी में सुरक्षा आगे की सोच के बारे में है। कुत्ते सहज रूप से तैरना जानते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वे अच्छे तैराक हैं। और अगर आपका कुत्ता आपके स्विमिंग पूल में कूदता है, तो वह बिना मदद के बाहर नहीं निकल सकता है और आसानी से डूब सकता है। सुनिश्चित करें कि आपका कुत्ता आपके बिना आपके स्विमिंग पूल में नहीं जा सकता।

हालाँकि समुद्र तट या पूल में अपने पालतू जानवर को एक साथ ठंडा रहने के लिए लाने में मज़ा आता है, लेकिन जब वे पानी में या उसके पास होते हैं, तो अपने पालतू जानवरों पर हमेशा कड़ी नज़र रखें। यहां तक कि एक मजबूत तैराक को पूल से बाहर निकलने, या रस्सियों और अन्य बाधाओं से फंसने में परेशानी हो सकती है। अपने कुत्ते के साथ अधिक जोखिम भरे गर्मियों के रोमांच के लिए, नौका विहार की तरह, कुत्ते के जीवन रक्षक में देखें। यह उसकी सुरक्षा के लिए अच्छा साबित हो सकता है।

ग्रीष्मकालीन पालतू जानवरों की सुरक्षा कठिन नहीं है, इसके लिए बस कुछ विचार और ध्यान देने की आवश्यकता है। अपने पालतू जानवर को देखें जिस तरह से आप एक छोटे बच्चे को देखते हैं – उन्हें बहुत अधिक गर्मी, सूरज और अन्य गर्मियों के खतरों से बचाएं आखिर वे भी आप के परिवार का एक हिस्सा है।

भीषण गर्मियों से निजात पाने आदमी तरह तरह के उपाय करता है और खुद को गर्मी से बचाता है, लेकिन अगर आप भी एक पालूत जानवर के पेरेंट हैं, तो आपको अपने साथ साथ अपने पालतू जानवर को भी गर्मी से बचाने के लिए भी उपाय करने पड़ेंगे, चिलचिलाती गर्मी इंसानों पर ही नहीं बल्कि जानवरों पर भी अपना असर दिखाती है,  बदलते मौसम का असर बेचारे जानवरों का हाल भी बेहाल कर देता है, तो देखते है जानकार क्या कहते है इस बारे में, जिससे अप भी अपने पेटस का गर्मियों में ख्याल रख सके।

  1. हाइड्रेटेड रखें

सबसे पहला उपाय जानवरों को गर्मियों से बचाने का, 24 घंटे अपने पालतू जानवर के सामने पानी रखे, अपने पेट्स को पानी पिलाते रहें गर्मी की वजह से आपके पेट्स के शरीर में भी पानी की कमी हो सकती है, इसलिए अपने पेट्स को भरपूर मात्रा में पानी मिलना जरूरी है, इससे आपके पेट्स की बॉडी हाइड्रेटेड रहेगी और सिस्टम भी सही तरह से काम करेगा, लेकिन भूलकर भी अपने पालतू जानवर को फ्रिज का ठंडा पानी न दे।

  1. धूप में ना निकाले
    तेज धूप में जानवरों को बाहर ना निकाले, दिन के समय अपने पेट्स को घर के अंदर रखें, क्योंकि धूप और गर्मी की वजह से वे बीमार पड़ सकते हैं, ज्यादा धूप लगने से उन्हें सन स्ट्रोक और सनबर्न भी हो सकता है, आप अपने पेट्स को पंखे या एसी में भी रख सकते है, बस उन्हें बालकनी में बंद ना करें, अगर आप अपने पेट्स को कहीं बाहर ले जा रहें हैं, तो उन्हें धूप में खड़ी कार में बहुत देर तक बंद ना करें।
  1. खाने में दलिया, दूध दे, ज्यादा फाइबर दे, नॉन वेज न दे
    गर्मियों में जानवरों की डाइट कम हो जाती है, क्योंकि बदलते मौसम की वजह से उन्हें भूख कम लगती है, लेकिन आप इस बात का ध्यान रखें कि पेट्स जो भी खाए वो पौष्टिक हो, दही, फल, दूध, पेट्स फूड जैसी चीजे अपने पेट्स को देते रहें, दलिया भी दे, वही गर्मियों में पालतू जानवर को नॉन वेज ना दे,  जिससे उनकी डाइट बैलेंस्ड रहे, बस ये जरूर देख लें कि आपके पेट्स को किसी चीज से एलर्जी ना हो।
  2. फर वाले जानवरों का खास ध्यान
    अगर आपके पास कोई फर वाला जानवर है, तो गर्मियों में उसका खास ध्यान रखें, क्योंकि फर वाले जानवरों का गर्मी ज्यादा लगती है, इस बात का ध्यान रखें कि आपका पेट्स सही टेंपरेचर में रहे और उसका फर साफ हो,गर्मी से उनका फर खराब ना हो या उसमें कीड़े ना लगें, अगर आपको ऐसा लगता है कि फर शेव करने से आपके पेट्स को आराम मिलेगा, तो आप गलत हैं, फर उसे हीटिंग और सनबर्न से बचाता है, अगर आपने अपने पेट्स का फर शेव कर दिया, तो उसे ज्यादा दिक्कत हो सकती है।
  3. सफाई और ग्रूमिंग
    वैसे तो ज्यादातर पेट्स को नहाना बिल्कुल पंसद नहीं होता, लेकिन आप अपने पेट्स को नहलाते रहें, उनकी सफाई रेगुलरली करें, जब भी जरूरत हो, उनके नाखून काटें, साथ ही उनके पंजों का खास ख्याल रखें, क्योंकि गर्मियों जानवरों के पंजें फट जाते हैं और उनमें इनफेक्शन का डर बना रहता है। इसके साथ ही अपने पालतू पेटस को रोज सुबह शाम वॉक पर ले जाए, उन्हे नियमित एक्सरसाइज करवाए।

6स्ट्रीट डॉग के लिए खाना

आजकल जागरूकता के चलते लोग स्ट्रीट डॉगस का भी खासा खयाल रखते है और इनके लिए भी भोजन पानी का इंतजाम करते है, ऐसे में अगर स्ट्रीट डॉग लवर है तो उनके लिए भी गर्मियों में सबसे पहले पानी का इंतजाम करें, इसके साथ ही उनके लिए छावं का व्यवस्था करे, उन्हे भोजन दे, दूध दलिया,रोटी दे, मगर नॉन वेज ना दे।

Compiled  & Shared by- Team, LITD (Livestock Institute of Training & Development)

Image-Courtesy-Google

Reference-On Request.

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON